हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने बुजुर्ग दंपति के उत्पीड़न मामले में दिया सख्त आदेश

हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने बुजुर्ग दंपति के उत्पीड़न मामले में दिया सख्त आदेश

Haryana Human Rights Commission

Haryana Human Rights Commission

बुजुर्ग माता-पिता से अमानवीय व्यवहार, आयोग ने जिला उपायुक्त को दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश

चंडीगढ़, 21 जुलाई 2025: Haryana Human Rights Commission: हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने एक 82 वर्षीय श्री अर्जन देव अग्रवाल और उनकी 72 वर्षीय पत्नी श्रीमती विजय अग्रवाल की गंभीर शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। शिकायत में बुजुर्ग दंपति ने अपने बेटे और बहू द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न, उपेक्षा और संपत्ति हड़पने के प्रयास का आरोप लगाया है।

आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार, वृद्ध दंपति गंभीर बीमारियों और शल्य चिकित्सा के बावजूद अपने ही घर में उपेक्षित जीवन जीने को मजबूर हैं। बेटे और बहू ने उन्हें वृद्धाश्रम भेजने की धमकी दी और एक झूठा घरेलू हिंसा का केस भी दर्ज कराया। उन्होंने "वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007" के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक न्यायाधिकरण, पंचकूला में बेदखली के लिए आवेदन भी दिया है, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली।

आयोग ने पाया कि:

  • अधिनियम की धारा 4 के तहत माता-पिता को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का अधिकार है;
  • धारा 23 के अनुसार यदि संपत्ति देखभाल की शर्त पर दी गई है और देखभाल नहीं हो रही तो वह स्थानांतरण शून्य माना जा सकता है;
  • धारा 24 के तहत माता-पिता को छोड़ देना एक दंडनीय अपराध है।

हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि इस तरह का व्यवहार केवल "वरिष्ठ नागरिक अधिनियम" का उल्लंघन है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमापूर्ण जीवन जीने के मौलिक अधिकार का भी घोर हनन है। अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने इस गंभीर मामले में प्राथमिक रूप से "वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार, उपेक्षा और जबरदस्ती" के प्रमाण मानते हुए, उपायुक्त पंचकूला को निर्देश दिए हैं कि:

  • स्थानीय पुलिस या संबंधित अधिकारियों के माध्यम से वृद्ध दंपति को तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाए,
  • वरिष्ठ नागरिक न्यायाधिकरण में लंबित कार्यवाही को शीघ्र पूरा करने हेतु प्रशासनिक सहायता दी जाए,
  • और अगली सुनवाई से पूर्व कार्यवाही रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत की जाए।

आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व् जनसम्पर्क अधिकारी डॉक्टर पुनीत अरोड़ा ने बताया ने अगली सुनवाई की तारीख 23 सितंबर 2025 तय की है और आदेश की प्रति उपायुक्त पंचकूला, पुलिस आयुक्त पंचकूला और शिकायतकर्ताओं को भेजने के निर्देश दिए हैं